Half Blood -The Hidden Truth - Part 1 in Hindi Horror Stories by Vijay Sanga books and stories PDF | Half Blood -The Hidden Truth - Part 1

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Half Blood -The Hidden Truth - Part 1

ये कहानी जो मै आज आपके लिये लिख रहा हूँ, ये मैंने अपनी कल्पना से लिख रहा हूँ।

ये कहानी पूरी तरह से है।

कहानी की सुरुवात होती है उत्तराखंड से, जहाँ अचानक कई ऐसे हादसे होने लगे थे, की जिसके बारे में कुछ लोग मानते थे की ये हादसे मे किसी अलौकिक शक्ति का हाथ है।

तो कुछ लोगों का मानना था की इन हादसो के पीछे किसी ऐसे इंसान का काम था जो दिमागी रूप से बीमार हो।

पुलिस समझ नही पा रही थी ऐसे दरिंदगी से कौन खून कर सकता है, जब भी कोई हादसे की खबर पुलिस को मिलती, तो पुलिस वारदात की जगह पर पहुँचती, पर वो जो देखते उनसे, उनकी भी रूह काप जाती, क्योंकि जितने भी हादसे हुए और उनमे जो लाशे मिली, वो पूरी कटी फटी मानो किसी ने शरीर को फाड़ दिया हो।

सब ये देखकर हैरान हो जाते, कोई कहता की ये किसी जंगली जानवर का काम है, तो कोई कहता की किसी खूनी दरिंदे का काम है। उन्हे कुछ समझ नही आ रहा था, और केस सोल्ब् नही हो पा रहा था।

वहाँ दूसरी तरफ एक लुसिफर नाम का एक लड़का जो की उत्तराखंड में एक छोटी से जगह पर रहता था, वो बहुत ही अलग था, ना ज्यादा बात करना ना किसी से मिलना जुलना,

लोग उसे बहुत अजीब नजरों से देखते थे, और उससे दूर ही रहते थे।
वो अकेला ही रहता था ना कोई परिवार ना कोई रिश्तेदार, लोग कहते थे की अचानक किसी दिन ये लड़का यहाँ आ गया, कौन है कहाँ से आया कोई नही जानता था।

लुसिफर उत्तराखंड में ही एक कॉलेज में पढ़ता था, वहाँ दूसरे स्टूडेंट्स हमेशा उसे परेशान करते रहते थे।

एक ही लड़की ऐसी थी जो उसकी दोस्त थी जिसका नाम ( सुप्रिया) था।

सुप्रिया उसे हमेशा सपोर्ट करती थी, उसका खयाल रखती थी, जो लोग लुसिफर को परेशान करते थे, सुप्रिया उनसे लड़ पड़ती।

ये सब जब लुसिफर देखता तो लुसिफर मन ही मन ये देखकर खुश हो जाता, वो सोचता कोई तो है जो उसके बारे में इतना सोचती है।

लुसिफर एक दिन कॉलेज से घर वापस जा रहा था, उसके घर का रास्ता जंगल से होकर जाता था,
वो घर पहुँचा और बैठकर कुछ सोच ही रहा था की अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई, जब उसने दरवाजा खोला और देखा तो दरवाजे पर पुलिस खड़ी थी।

वो पुलिस को देखकर चौंक गया, और घबराते हुए पूछा, जी सर कहिये क्या बात है! तो पुलिस ने उसे हाथ उपर करने के लिये कहा और लुसिफर को हथकड़ी लगा दी, लुसिफर कुछ समझ पाता उसे पहले ही पुलिस वालो ने उसे जमीन पर लेटा दिया, और चुप रहने को कहने लगे, और फिर उसे जेल ले गये और लॉकब् में बंद कर दिया।

लुसिफर बार बार पूछ रहा था की मैंने क्या किया है जो आप मुझे पकड़ कर यहाँ लाये हो, कोई मुझे बताएगा यहाँ क्या हो रहा है, मुझे आप यहाँ क्यों लाये हो?

तो एक पुलिस वाला लॉकब् के अंदर आया और बोला, मासूम तो ऐसे बन रहा है जैसे कुछ पता ही ना हो , इतने सारे खून करके भोला बन रहा है, ये सुनकर लुसिफर हैरान नजरों से पुलिस वाले को देख रहा था, और उसने कहा, सर मैंने ऐसा कुछ नही किया , आप मेरा यकीन कीजिये सर आपको कोई गलत फैमी हुई है, आप किसी और का समझकर मुझे यहाँ ले आये हो।

फिर पुलिस वाले ने एक जूता लाकर लुसिफर को दिखाया, और पूछा, इस जूते को पहचानते हो?
लुसिफर ने कहा, सर ये तो मेरा जूता है ये आपके पास कैसे?

पुलिस वाले ने बताया ये वारदात की जगह पर मिला है,
जहाँ एक लड़की की लाश बहुत बुरी हालत में मिले है।

लुसिफर ने कहा , सर मुझे नही पता मेरा जूता उस वारदात की जगह पर कैसे पहुँचा, मुझे सच में कुछ नही पता। .....

आपको क्या लगता है लुसिफर सच बोल रहा है, और अगर वो सच बोल रहा है तो उसका जूता वारदात की जगह पर कैसे पहुँचा, क्या है इसके पीछे का सच,

जानने के लिये इंतज़ार कीजिये अगले भाग का, और जुड़े रहिये मेरे साथ ऐसी ही रोमांचकारी कहानियों के लिये।

मिलते हैं अगले भाग में।